कब्ज़ का घरेलू इलाज,कारण ,देसी नुस्खे | HOME REMEDY FOR CONSTIPATION IN HINDI

कब्ज (CONSTIPATION) एक ऐसी समस्या है जिसमें पेट पूरी तरह से साफ नहीं होता है और सौच के दौरन काफी समस्या आती है | कब्ज के कारण रोगी को बार बार सौच के लिए जाना पड़ता है और सौच करते वक्त काफी जोर लगाना पड़ता है, और घंटो बैठा रहना पड़ता है | कब्ज एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो आपके डेली रूटीन को बिगाड देती है और मानव शरीर पर भी उसका दुष्प्रभा देखा जा सकता है | कब्ज का सबसे मुख्य कारण जंक फूड है | जंक फूड के अलावा भूख से अधिक खाना, आहार में पोषक तत्व की कामी, पानी का काम सेवन और भारी मांस खाना जैसे आहार संबंधी कारक शामिल हैं। अगर कोई इंसान कब्ज से परेशान है तो स्वाभाविक है कि उसके शरीर में भी विटामिन और खनिजों की कमी हो चुकी होगी, क्योंकि जब कब्ज होता है तो जो भोजन हम खाते हैं वो पूरी तरह पच नहीं पाता है और ना चाहते भी हमारी बॉडी पूरे विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व नहीं निकलते हैं, इस समस्या का तो जल्दी से जल्दी समाधान कर लेना चाहिए | हालाँकि हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि एलोपैथी के बजाय हमें हमेशा संतुलित आहार लेना चाहिए और नियमित रूप से योग करना चाहिए, ये दो अभ्यास कब्ज से छुटकारा पाने में हमारी मदद कर सकते हैं। सौभाग्य से, कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार हैं जो कब्ज से राहत पाने में मदद करते हैं कर सकते हैं।

कब्ज़ का घरेलू इलाज,कारण ,देसी नुस्खे | HOME REMEDY FOR CONSTIPATION IN HINDI
HOME REMEDIES FOR CONSTIPATION

कब्ज होने के कारण (Constipation Causes in Hindi)

  1. रेशेदार खाद्य पदार्थों का कम सेवन
  2. देर रात तक जाने की आदत |
  3. बार-बार खाने की आदत |
  4. रात में देर से भोजन करना |
  5. मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन करना |
  6. अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करना |
  7. अधिक मात्रा में चाय कॉफी,तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना |

कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation in Hindi)

  • पेट मे मरोड़ होना |
  • दिनभर आलस आना |
  • मुह से बदबू आना |
  • मुंह में छाले भी इसका एक लक्षण है |
  • खट्टी डकार आना |
  • पिण्डिलियों में दर्द रहना  |
  • पेट में गैस बनना |

“प्राकृतिक रूप से कब्ज दूर करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय”

कॉन्स्टिपेशन को हम प्राकृतिक तरीके से भी ठीक कर सकते हैं, जैसा कि हम सब जानते हैं कि आयुर्वेद में हर बीमारी का हल दिया गया है, नीचे बताए गए कुछ तरीके हैं जो कि आयुर्वेदिक है और कॉन्स्टिपेशन जैसे रोग में बहुत ही लाभदायक है :

  1. जीरा और अजवायन
  2.  मुलेठी
  3.  त्रिफला चूर्ण
  4. बेल के फल का गूदा
  5. वात दोष संतुलन आहार
  6. मुनक्का
 जीरा और अजवाइन से कब्ज़ में राहत ( Relief in constipation with Cumin and Ajwain )
JEERA AND AJWAIN FOR CONSTIPATION

 जीरा और अजवाइन से कब्ज़ में राहत  ( Relief in constipation with Cumin and Ajwain )

जीरा और अजवाइन को धीमी आंच पर भून ले, फिर भुना हुआ जीरा, अजवाइन ले और साथ में काला नमक भी लेले | तीनो को बराबर मात्रा में मिला कर एयर टाइट कंटेनर में रख ले | आधी चम्मच की मात्रा को एक गिलास गरम पानी में मिलाकर रोज लें |

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MULETHI CURES CONSTIPATION
MULETHI HELPS IN CURE OF CONSTIPATION

 मुलेठी (Cure Constipation with Mulethi )

मुलेठी में जलनरोधी प्रभाव होता है और यह पाचन में मदद करता है | एक चम्मच मुलेठी पाउडर को एक कप गर्म पानी में एक चम्मच गुड़ के साथ रोजना पीने से कब्ज़ (Constipation) जैसी समस्या से राहत मिलता है |

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TRIPHALA FOR CONSTIPATION
TRIPHALA FOR CONSTIPATION

 त्रिफला चूर्ण (Medicine for Constipation )

त्रिफला 3 फलों – आंवला, बहेड़ा और हरीतकी से बना एक पारंपरिक आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है। यह एक हर्बल रेचक के रूप में जाना जाता है जो कब्ज (Constipation), अम्लता, पेट फूलना, सूजन और अधिक जैसे पाचन संकट से त्वरित राहत में मदद करता है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड पाया जाता है जिसमें रेचक गुण होते हैं
त्रिफला चूर्ण को एक चम्मच मात्रा को एक गिलास गर्म पानी में मिला कर और डेली रूटीन में इस्तमाल करे |

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BEL PULP FOR RELIEF IN CONSTIPATION
BEL PULP FOR RELIEF IN CONSTIPATION

बेल के फल का गूदा  (Treatment For Chronic Constipation  with Bel fruit pulp )

बेल के फल में आवश्यक विटामिन और मिनरल होने की वजह से सेहत के लिए उपयोगी माना जाता है| जर्नल ऑफ एनवायरनमेंट साइंस के मुताबिक बेल में प्राकृतिक रूप से शुगर होने के साथ प्रोटीन, फाइबर, फैट, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस होने के साथ विटामिन ए, बी, सी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

कब्ज़ (Constipation) के रोगी बेल के फल को अमृत के रूप में खा सकते हैं | इसका पल्प निकल कर उसमें थोड़ा सा गुड मिलाकार खाए ये नुस्खा आपको बहुत जल्दी आराम देता है, आप इसका जूस भी निकाल सकते हैं और उसमें इमली का जूस और गुड़ मिलाकार पीने से भी उतना ही आराम मिलता है और यह बॉडी की गर्मी भी निकल देता है है और बॉडी को गर्मियों के दिनों में ठंडा रखता है |

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Cure for Constipation with help of Vaat dosh balancing diet
VAAT DOSH BALANCING DIET

वात दोष संतुलन आहार  (Cure for Constipation with help of Vaat dosh balancing diet  )

वात, पित्त, कफ – ये तीन शारीरिक दोष माने जाते हैं | ये दोष सही आहार ना लेने से विकृति या दोष हो जाता है इसलिए इसे ‘दोष’ कहा जाता है। इन तीनो दोषों को शरीर का ये तीन स्तम्भ कहा जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार, वात मन और शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित कर सकता है | वात आसो भोजन के पाचन पर प्रभाव डालता है और कब्ज (Constipation) का कारण भी बन सकता है | इसलिए हमको हमेशा ऐसा भोजन करना चाहिए जो वात दोष को उत्पन्न न करे |

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वात-संतुलित आहार की सूची में सारे फूड मैटेरियल्स सामिल होते हैं जो रूपरेखा में सॉफ्ट और पल्पी होते हैं और सारे ताजे तैयार हुए फूड आइटम्स | इन खाद्य पदार्थों को गर्मागर्म परोसा जाता है और ये प्रोटीन और अन्य सामग्री से भरपूर होते हैं | इसलिए हमें हमेशा गर्म और अच्छी तरह से पका हुआ खाना और पेय ही खाना चाहिए

Raisin : Home remedy to treat constipation in hindi
RAISINS FOR CONSTIPATION

मुनक्का (Raisin : Home remedy to treat constipation in Hindi )

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किशमिश हमारे पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत मददगार होती है और बॉडी बनाने में भी हमारी मदद करती है | इसी तरह मुनक्का कब्ज (Constipation) में भी बहुत मददगार होती है | अगर कब्ज़ रोगी मुनक्के को 8-10 ग्राम की मात्रा में रात को पानी में भीगा दे और सुबह उसके बीज निकालने के बाद एक गिलास दूध में उबाल कर पीने से बहुत जल्दी आराम मिलता है और साथ में ही ये हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है |

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कब्ज के रोगियों को कुछ बिंदुओं पर खासा ध्यान देना चाहिए :

  1. समय पर भोजन करें
  2. योगा करें
  3. रात में समय से सो जाएँ
  4. तनाव से दूर रहें
  5. दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों का कम उपयोग करें
  6. मैदे से बनी चीजों को बिल्कुल ना खाएं |